मृत्यु की खबर – A Hindi Poetry By Japan Vora
मृत्यु ही जीवन का एकमात्र अटल एवं विदित सत्य है, परन्तु इसे जीवनपर्यंत अस्वीकृत करते रहना भी अति साधारण मनुष्य भाव है| मृत्यु की ख़बर मिलना सहज है किंतु, उसकी अनुभूति मनुष्य के अपने उम्र के पड़ाव तथा मनोभावों पर निर्भर करती है| एक ही ख़बर यहाँ तीन छंदों में, जीवन उर्जा के धूमिल होने की गति के साथ, बदलती अनुभूति के रूप में प्रस्तुत की गई है|
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